• Our Kharif 2020 - Rabi 2020-21, Kharif 2021 - Rabi 2021-22, Kharif 2022 - Rabi 2022-23 implementing footprint are in Assam, Haryana, Madhya Pradesh, Maharashtra, Odisha, Rajasthan, Tamil Nadu, Andhra Pradesh, Jammu & Kashmir
  • RGICL is in its 7th Successful year of execution of PMFBY.
  • Technological breakthrough needed for Effective Crop Insurance - CEO, PMFBY.
  • Govt uses Artificial Intelligence to boost Farming.
  • More than 15.83 million farmers application covered in Kharif 2020, 2021 & Rabi 2020-21
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प्रस्तावना
भारत में कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जो अन्य सभी क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा लोगों को आजीविका प्रदान करता है। मौसम की अनिश्चितता, अधिक वर्षा वाले क्षेत्र, कीट लगने और बीमारियाँ होने के जोखिम के कारण कृषि उत्पादन में अत्यधिक अस्थिरता देखी जाती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पी.एम.एफ. बी. वाई.) किसानों को अप्रत्याशित रूप से कई फसल नुकसान के लिए व्यापक कवरेज प्रदान करती है।
    • किसी भी अधिसूचित फसल के खराब होने की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
    • खेती में किसानों की निरंतर लगाव सुनिश्चित करने के लिए उनकी आय को स्थिरता प्रदान करना।
    • किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
    • कृषि क्षेत्र में ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करना।
    • एकसमान प्रीमियम:किसानों को सभी खरीफ फसलों के लिए प्रीमियम के रूप में बीमित राशि पर अधिकतम 2% और सभी रबी फसलों के लिए अधिकतम 1.5% का भुगतान करना होगा। सालाना उपज देने वाली वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में अधिकतम प्रीमियम का भुगतान करना है।
    • कम प्रीमियम और अधिक कवरेज: किसानों का बीमा-किस्त प्रीमियम के रूप में शेयर बहुत कम है और शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। निर्दिष्ट फसल हानि के लिए किसानों को पूरी बीमित राशि का कवरेज उपलब्ध है।
    • प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण उपयोग: स्मार्ट फोन का उपयोग कर मोबाइल प्रौद्योगिकी उपग्रह डेटा का उपयोग कर रिमोट सेंसिंग तकनीक, ड्रोन और जीपीएस तकनीकों के इस्तेमाल द्वारा एरियल अध्ययन का उपयोग किया जाएगा ताकि दावा भुगतान में विलंब को कम करने के मद्देनजर फसल नुकसान के शीघ्र आकलन के लिए डेटा कैप्चर और अपलोड किया जा सके।
    • भारत सरकार का राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल: अधिसूचितक्षेत्रों एवं फसलों के बारे में अधिसूचना जो कि कई हितधारकों को जानकारी के उपयोग में सक्षम बनाती है। किसानों के लिए फसल बीमा सेवाओं का लाभ उठाने संबंधी पूरी तरह से डिजिटल जानकारी पर उपलब्ध है
    • कार्यान्वयन एजेंसी (आई. .): लाभार्थी नामांकन जागरूकता निर्माण तथा मौसम व क्लस्टर ( जिलों का एक संयोजन ) के लिए क्लेम सर्विसिंग का प्रबंधन सिर्फ एक बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है।
    • अधिक जानकारी के लिए कृपया पी . एम . एफ . बी. वाई . होमपेज पर जाने के लिए लिंक पर क्लिक करें ।   योजना के संशोधित परिचालन दिशानिर्देशों के बारे में अधिक जानने के लिए , कृपया लिंक पर क्लिक करें पिछले परिचालन दिशानिर्देशों सहित अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज देखने के लिए , कृपया यहाँ क्लिक करें
कवरेज़
• साझेदारी में खेती करने वालों और बटाईदार किसानों सहित अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी किसान इस कवरेज के लिए पात्र हैं।
एक किसान के लिए बीमित राशि, वित्त की मात्रा या कल्पित औसत मूल्य (कल्पित औसत उपज {एन.ए. वाई.} न्यूनतम विक्रय मूल्य {एम.एस.पी.} / फार्म गेट भाव) प्रति हेक्टेयर के बराबर है, जिसे बीमा के लिए किसान द्वारा प्रस्तावित निर्दिष्ट फसल के क्षेत्रफल द्वारा गुणा किया जाएगा, जिसमें जोत भूमि को हमेशा हेक्टेयर में व्यक्त किया जाएगा।
बेसिक कवर
इसमें सूखा, शुष्क दौर, बाढ़, सैलाब, कीटों के व्यापक प्रसार और रोगों के हमले, भूस्खलन, बिजली चमकने से लगी प्राकृतिक आग, तूफान, मूसलाधार बारिश (ओलावृष्टि) और चक्रवात जैसे नहीं रोके जा सकने वाले जोखिमों के कारण क्षेत्र-आधारित दृष्टिकोण के आधार पर खड़ी फसल (फसलों की बुवाई से लेकर कटाई तक) की उपज को होने वाले नुकसान के जोखिम को कवर किया जाता है।
ऐड-ऑन कवरेज
अनिवार्य बेसिक कवर के अलावा, फसल के निम्नलिखित चरणों तथा फसल नुकसान के जोखिमों को कवर करने के लिए राज्य में विशिष्ट फसल/क्षेत्र की आवश्यकता के आधार पर निम्नलिखित ऐड-ऑन कवर चुने जा सकते हैं
युद्ध और परमाणु जोखिम, दुर्भावनापूर्ण क्षति और रोके जाने योग्य अन्य जोखिमों की वजह से होने वाले नुकसानों को बाहर रखा जाएगा।
• किसानों के पास अधिसूचित/बीमित किए गए फसलों के लिए बीमा लेने की योग्यता होनी चाहिए।
वित्त की मात्रा को राज्य सरकार की अधिसूचना एवं राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर भी परिभाषित किया गया है।
यह योजना परिभाषित वित्तीय संस्थानों (एफ़.आई.) से अधिसूचित फसलों के लिए अल्पकालिक मौसमी कृषि संचालन ऋण (एस.ए.ओ.) किसान क्रेडिट कार्ड (के.सी.सी.) प्राप्त करने वाले लाभार्थी किसानों सहित सभी किसानों के लिए वैकल्पिक है।
योजना से बाहर रहने के इच्छुक मौजूदा ऋणी किसान, वर्ष के दौरान किसी भी समय ऋण मंजूर करने वाली बैंक शाखा को अपेक्षित घोषणा पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं, लेकिन उन्हें संबंधित मौसम वर्ष के लिए अपने राज्य की अधिसूचना में उल्लिखित किसानों के नामांकन की निर्धारित तिथि से कम से कम सात दिन पहले ऐसा करना होगा।
फसल योजना में किसी भी बदलाव को निर्धारित तिथि से कम से कम 2 दिन पहले बैंक के ध्यान में लाया जाना चाहिए जैसा कि उपरोक्त बिंदु में उल्लिखित है।
फसल बीमा पर राज्यस्तरीय समन्वय समिति (एस.एल.सी.सी.सी.आई.) द्वारा घोषित निर्धारित तिथि तक ही बीमा प्रस्ताव स्वीकार किए जाते हैं।
गैर-ऋणी किसानों द्वारा बैंकों/ सामान्य सेवा केंद्रों/ राष्ट्रीय कृषि पोर्टल या बीमा कंपनी के अधिकृत मध्यस्थों के माध्यम से बीमा खरीदा जा सकता है।
रोके गई बुवाई/रोपण/अंकुरण के जोखिम
बीमित क्षेत्र को कम वर्षा/या प्रतिकूल मौसमी/जलवायु परिस्थितियों के कारण बुवाई/रोपण/अंकुरण से रोका जाता है।
बीच मौसम की प्रतिकूलता
फसल मौसम के दौरान प्रतिकूल मौसमी स्थितियों जैसे कि बाढ़, लंबे समय तक शुष्क दौर और गंभीर सूखा आदि के कारण नुकसान, जिसमें मौसम के दौरान अपेक्षित पैदावार के सामान्य पैदावार से 50% कम होने की संभावना है। इस तरह के जोखिम की स्थिति में बीमा, बीमित किसानों को तत्काल राहत प्रदान करता है।
कटाई से बाद के नुकसान
इसमें मूसलाधार बारिश (ओलावृष्टि), चक्रवात, चक्रवाती बारिश और बेमौसम बारिश के खिलाफ उन फसलों के लिए कटाई से केवल दो सप्ताह की अधिकतम अवधि तक कवरेज उपलब्ध है, जिन्हें उस क्षेत्र में फसलों की आवश्यकता के अनुसार काटने के बाद सूखाने और फैलाने/छोटे बंडलों में बाँधने की आवश्यकता होती है।
स्थानीय आपदाएँ
अधिसूचित क्षेत्र में विशिष्ट खेतों को प्रभावित करने वाली स्थानीय घटनाओं जैसे कि मूसलाधार बारिश (ओलावृष्टि-), भूस्खलन, बाढ़, बादल फटने और बिजली चमकने के चलते लगी प्राकृतिक आग के परिणामस्वरूप अधिसूचित बीमित फसलों को नुकसान/क्षति।
जंगली जानवरों के हमले से फसलों को नुकसान
जंगली जानवरों के हमले के चलते फसलों को नुकसान, जहाँ जोखिम काफी ज्यादा और दिखाई देने योग्य हो। इस स्थिति में किसानों के लिए एड-ऑन कवरेज वैकल्पिक होगा, और लागू प्रीमियम का वहन किसान को करना होगा।
स्थानीय आपदाओं के चलते हुए नुकसान/क्षति और कटाई-बाद के नुकसान का आकलन उस बीमित क्षेत्र/ खेत के स्तर पर किया जाएगा, और इसलिए किसान/नामित एजेंसियों द्वारा घटना के 72 घंटे के भीतर नुकसान की सूचना दर्ज करना आवश्यक है। उन शेष जोखिमों के लिए, जहाँ नुकसान व्यापक आपदाओं के कारण होते हैं, बीमित किसानों/नामित एजेंसियों द्वारा इस तरह के व्यापक प्रसार वाली आपदाओं के दावों के लिए सूचना दर्ज करना आवश्यक नहीं है।
सर्वे संख्या, बीमित फसल और क्षेत्र प्रभावित विवरण, आवेदन संख्या, अखबार की कतरन और नुकसान को प्रमाणित करने के लिए जरूरत के अनुसार कोई अन्य उपलब्ध साक्ष्य उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
नामांकन
    • राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार तय की गई समय-सीमा के भीतर किए गए नामांकन को ही बीमा के लिए पात्र माना जाएगा।
    • राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित फसलें ही इस योजना के अंतर्गत कवर की जाती हैं।
    • बीमित राशि की गणना एस.एल.बी.सी./राज्य सरकार द्वारा घोषित वित्त की मात्रा के आधार पर की जाती है।
    • बीमा राशि, प्रीमियम में किसान का हिस्सा जानने के लिए, कृपया ​यहाँ यहाँ क्लिक कर क्लिक कर बीमा प्रीमियम कैलकुलेटर चुनें।
प्रीमियम की दरें
मौसम फसल किसानों द्वारा देय प्रीमियम (बीमित राशि का %) *
खरीफ सभी खाद्यान्न और तिलहन फसलें बीमित राशि या बीमांकिक (बीमांकिक) दर का 2.0%, जो भी कम हो
रबी सभी खाद्यान्न और तिलहन फसलें बीमित राशि या बीमांकिक (बीमांकिक) दर का 1.5 %, जो भी कम हो
खरीफ और रबी सालाना रूप से उपज देने वाली वाणिज्यिक/बागवानी फसलें बीमित राशि या बीमांकिक (बीमांकिक) दर का 5.0 %, जो भी कम हो
* केवल उस विशेष क्षेत्र में अधिसूचित फसलों के लिए। बीमांकिक प्रीमियम दर और किसानों द्वारा देय अधिकतम प्रीमियम के बीच अंतर राशि पर राज्य और केंद्र सरकार द्वारा समान अनुपात में सब्सिडी दी जाएगी। 
प्रक्रिया
गैर-ऋणी किसान

गैर ऋणी किसान नीचे दिए गए किसी भी चैनल के माध्यम से नामांकन कर सकते हैं:

  • गैर ऋणी किसानों को राज्य में प्रचलित भूमि अभिलेखों ( - अभिलेख आर . ओ . आर . , भूमि दखल प्रमाणपत्र ( एल . पीसी . ) आदि ) के आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य और या लागू अनुबंध / अनुबंध विवरण / संबंधित राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित / अनुमत अन्य दस्तावेजों को प्रस्तुत करना होगा।
  • साझेदारी में खेती करने वाले / बटाईदार किसानों के मामले में भी संबंधित राज्यों द्वारा अधिसूचना में यही बातें परिभाषित की जानी चाहिए।
ऋणी किसान
  • (आई.सी.) द्वारा बैंकों / वित्तीय संस्थानों के माध्यम से पात्र ऋणी किसानों का कवरेज किया जाना चाहिए। दस्तावेजों को बैंक में जमा करने की आवश्यकता होती है। नामांकन केवल आपके संबंधित बैंकों के माध्यम से होता है।
  • यह योजना परिभाषित वित्तीय संस्थानों (एफ़ . आई .) से अधिसूचित फसलों के लिए अल्पकालिक मौसमी कृषि परिचालन (एस . एओ .) ऋण / किसान क्रेडिट कार्ड (के . सी . सी .) प्राप्त करने वाले लाभार्थी किसानों सहित सभी किसानों के लिए वैकल्पिक है ( यहाँ से आगे इन्हें ऋणी किसान के रूप में संदर्भित किया जाएगा।
नामांकन के चैनल
  • बैंक
    कृपया योजना में नामांकन के लिए अपनी नजदीकी शाखा के बारे में जानने के लिए क्लिक करें।
    ऋणी/ गैर-ऋणी
  • सीएससी
    कृपया योजना में नामांकन के लिए अपने नजदीकी सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के बारे में जानने के लिए क्लिक करें।
    गैर-ऋणी
  • सीधे
    कृपया पीएमएफबीवाई वेबसाइट पर सीधे जाकर ऑनलाइन नामांकन के लिए क्लिक करें।
    गैर-ऋणी
  • कृपया योजना में नामांकन के लिए अपने नजदीकी डाकघर नजदीकी डाकघर संपर्क करें |
    गैर-ऋणी
दावा प्रक्रिया
उपज में कमी आधारित दावे
    • राज्य सरकार प्रत्येक अधिसूचित बीमा इकाई पर आवश्यक संख्या में फसल कटाई प्रयोग (सी.सी.ई.) करती है, और निर्धारित समय-सीमा के भीतर उपज डेटा को बीमा कंपनी के साथ साझा किया जाएगा। इस डेटा के आधार पर दावे की गणना की जाती है।
    • थ्रेसहोल्ड उपज (टी.वाई.) वह बेंचमार्क उपज होगी, जिस पर प्रत्येक बीमा इकाई में सभी बीमित किसानों को बीमा सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
    • अधिसूचित फसल की थ्रेसहोल्ड उपज (टी.वाई.) = उस सीजन के पिछले सात वर्षों में से सबसे अच्छे पाँच वर्षों की ऐतिहासिक औसत उपज x अधिसूचित फसल का क्षतिपूर्ति स्तर।
    • उपज में कमी आधारित दावा = (थ्रेसहोल्ड उपज - वास्तविक उपज) / थ्रेसहोल्ड उपज x बीमित राशि।
रोके गए बुवाई/रोपण/अंकुरण के जोखिम
    • राज्य सरकार द्वारा रोके गए बुवाई/ रोपण की स्थिति वाले सन्निकट क्षेत्रों में बीमा इकाई के प्रतिशत में अधिसूचित बीमा इकाई की घोषणा की जाएगी। 'रोके गए बुवाई/रोपण/अंकुरण के जोखिम' बुवाई के प्रारंभिक चरण में पात्र होंगे, जो कि बुवाई की शुरुआत से 30 दिनों तक लेकिन नामांकन की निर्धारित तिथि से 15 दिन से अधिक न हो।
    • वर्षा के डेटा या अन्य मौसम डेटा, सैटेलाइट इमेजरी और रिमोट सेंसिंग सूचकांक, फसल की स्थिति और बुवाई वाले क्षेत्र के डेटा आदि पर रिपोर्ट को प्रॉक्सी संकेतक के रूप में उपयोग किया जाएगा।
    • इस कवर के तहत दावे का भुगतान बीमा राशि के 25% होगा, और उसके बाद बीमा कवर समाप्त हो जाएगा।
बुवाई से कटाई तक खड़ी फसल को नुकसान
    • इसमें फसली मौसम के दौरान प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों यानी बाढ़, लंबे समय तक शुष्क दौर, भयंकर सूखा, आदि के कारण होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है।
    • सीजन के दौरान अपेक्षित उपज, सामान्य उपज के 50% से कम होने की संभावना है।
    • अधिकतम दावा भुगतान संभावित दावे का 25% होगा, जो फसल कटाई प्रयोगों के माध्यम से उपज आकलन डेटा के आधार पर अंतिम दावों के निमित्त समायोजन के अधीन है।
कटाई से बाद के नुकसान
    • बीमित किसान द्वारा 72 घंटे के भीतर या तो बीमा कंपनी, संबंधित बैंक, स्थानीय कृषि विभाग, सरकारी/ जिले के अधिकारियों को या टोल-फ्री नंबर के माध्यम से सूचना देनी होगी।
    • यदि मूसलाधार बारिश (ओलावृष्टि), चक्रवात, चक्रवाती बारिश और बेमौसम की बारिश होने के चलते खेत में 'काट कर फैलाए गए'/छोटे बंडलों में अधिकतम दो हफ्ते (14 दिनों) की अवधि तक सूखाने के लिए रखी गई पकी फसल को नुकसान होता है, तो उस क्षेत्र में फसल की प्रकृति के आधार पर नुकसान के आकलन का प्रावधान किया गया है।
स्थानीय आपदाओं के कारण नुकसान
    • बीमित किसान द्वारा 72 घंटे के भीतर या तो बीमा कंपनी, संबंधित बैंक, स्थानीय कृषि विभाग, सरकारी/ जिले के अधिकारियों को या टोल-फ्री नंबर के माध्यम से सूचना देनी होगी।
    • वर्षा का आंकड़े- मूसलाधार बारिश (ओलावृष्टि) / भूस्खलन / बिजली गिरना (प्राकृतिक आग) घटनाओं के संबंध में स्थानीय मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों तथा मीडिया रिपोर्टों व अन्य साक्ष्यों द्वारा समर्थित कृषि/राजस्व विभाग की रिपोर्टों का प्रॉक्सी संकेतक के रूप में उपयोग किया जाएगा।
दावे की सूचना
    इनमें से किसी भी माध्यम से निर्धारित समय में नुकसान की जानकारी दी जानी चाहिए,
    • हमें टोल-फ्री नंबर 1800 102 4088 पर कॉल करें।
    • जिला कृषि कार्यालय जाएँ और हमारे प्रतिनिधि को डी.ए.ओ. कार्यालय द्वारा सूचित किया जाएगा।
    • अपने संबंधित बैंक जाएँ।
    दावे के विवरण देखे जा सकते हैं यहाँ क्लिक करके
सामान्य प्रश्न
  • Q1 
    बीमा क्या है?

    बीमा वह साधन है जो किसी व्यक्ति या व्यवसाय को अन्यथा प्रकार से वित्तीय आपदा पैदा कर सकने वाले अप्रत्याशित नुकसान की भरपाई करने में मदद करता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कुछ को हुए नुकसान को कई के योगदान द्वारा साझा किया जाता है।

  • Q2 
    फसल बीमा क्या है?

    फसल बीमा उन अनिश्चितताओं के कारण होने वाले फसल नुकसान से किसान को बचाने का एक साधन है, जो उनके नियंत्रण से परे सभी ज्ञात या अप्रत्याशित खतरों से पैदा हो सकता है।

  • Q3 
    पी.एम.एफ.बी.वाई. क्या है?

    प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पी.एम.एफ.बी.वाई.), भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसका उद्देश्य प्रकृति की अप्रत्याशित और प्रतिकूल स्थिति के कारण होने वाले नुकसानों से किसान परिवारों को सहायता प्रदान करना है।

  • Q4 
    बीमित राशि/कवरेज सीमा क्या है?

    ऋणी और गैर-ऋणी दोनों तरह के किसानों के लिए प्रति हेक्टेयर बीमित राशि वही होगी जैसा कि जिलास्तरीय तकनीकी समिति द्वारा वित्त की मात्रा तय की गई है, और इसे एस.एल.सी.सी.आई. द्वारा पूर्व-घोषित और अधिसूचित किया जाएगा।
    एक किसान के लिए बीमित राशि, वित्त की मात्रा या कल्पित औसत मूल्य (कल्पित औसत उपज {एन.ए. वाई.} x न्यूनतम विक्रय मूल्य {एम.एस.पी.} / फार्म गेट भाव) प्रति हेक्टेयर के बराबर है, जिसे बीमा के लिए किसान द्वारा प्रस्तावित निर्दिष्ट फसल के क्षेत्रफल द्वारा गुणा किया जाएगा, जिसमें भूमि क्षेत्रफल को हमेशा हेक्टेयर में व्यक्त किया जाएगा।
    वित्त की मात्रा को राज्य सरकार की अधिसूचना या/और राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर भी परिभाषित किया गया है।
    सिंचित और असिंचित क्षेत्रों के लिए बीमित राशि अलग-अलग हो सकती है।

  • Q5 
    मुझे पी.एम.एफ.बी.वाई. के बारे में अधिक जानकारी कहाँ मिल सकती है?

    विस्तृत कवरेज, एक्सक्लूजन और परिचालनगत तौर-तरीकों के लिए, कृपया भारत सरकार द्वारा जारी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के परिचालन दिशानिर्देश पढ़ें।
    पिछले परिचालन दिशानिर्देशों के लिए यहाँ क्लिक करें।

  • Q6 
    उपज के दावे का आकलन कैसे किया जाता है?

    उपज नुकसान के दावों की गणना निम्न सूत्र के आधार पर की जाएगी, [(थ्रेशोल्ड उपज - वास्तविक उपज) / थ्रेशोल्ड उपज] X बीमित राशि।

  • Q7 
    इस योजना के तहत प्रीमियम दर क्या है?

    मौसम फसल किसानों द्वारा देय प्रीमियम (बीमित राशि का %) *
    खरीफ सभी खाद्यान्न और तिलहन फसलें बीमित राशि या बीमांकिक (एक्चुरियल बीमांकिक) दर का 2.0%, इनमें से जो भी कम हो
    रबी सभी खाद्यान्न और तिलहन फसलें बीमित राशि या बीमांकिक (एक्चुरियल बीमांकिक) दर का 1.5 %, इनमें से जो भी कम हो
    खरीफ और रबी सालाना रूप से उपज देने वाली वाणिज्यिक/बागवानी फसलें बीमित राशि या बीमांकिक (एक्चुरियल बीमांकिक) दर का 5.0 %, इनमें से जो भी कम हो

  • Q8 
    किसानों के लिए 'रोके गए बुवाई' के दावे कैसे लागू होते हैं?

    राज्य सरकार द्वारा 'रोके गए बुवाई/रोपण' की स्थिति के मद्देनजर एक अधिसूचित बीमा इकाई की घोषणा की जाएगी।
    मौसम डेटा, सैटेलाइट इमेजरी, फसल की स्थिति और बुवाई वाले क्षेत्र के डेटा आदि पर रिपोर्ट को प्रॉक्सी संकेतक के रूप में उपयोग किया जाएगा।
    इस कवर के तहत दावे का भुगतान बीमा राशि के 25% होगा, और उसके बाद बीमा कवर समाप्त हो जाएगा।

  • Q9 
    क्या सभी फसलें इस योजना के अंतर्गत कवर हैं?

    केवल अधिसूचित फसलों को इस योजना के अंतर्गत कवर किया जाएगा।

  • Q10 
    पी.एम.एफ.बी.वाई. के तहत कौन से किसान कवर किए जाएंगे?

    साझेदारी में खेती करने वालों और बटाईदारों किसानों सहित अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी किसान इस कवरेज के लिए पात्र हैं।
    किसानों के पास अधिसूचित/बीमित किए गए फसलों के लिए बीमा लेने की योग्यता होनी चाहिए।

  • Q11 
    क्या पी.एम.एफ.बी.वाई. में नामांकन के लिए कोई समय-सीमा है?

    पी.एम.एफ.बी.वाई. के तहत नामांकन के लिए सख्त निर्धारित (कट-ऑफ) तिथियों का पालन किया जाता है। निर्धारित तिथि से पहले प्राप्त प्रस्तावों को ही पॉलिसी के तहत कवर किया जाता है।

  • Q12 
    एक किसान के लिए बीमित राशि क्या है?

    बीमित राशि = अधिसूचित फसल के लिए वित्त की मात्रा x बीमा के लिए प्रस्तावित अधिसूचित फसल का क्षेत्रफल ।

  • Q13 
    ऋणी किसानों से प्रस्ताव और प्रीमियम की संग्रह प्रक्रिया क्या है?

    किसानों को संबंधित बैंकों में विवरण प्रस्तुत करने होंगे।
    बैंकों द्वारा निर्धारित तिथि से पहले किसान के खाते से प्रीमियम को डेबिट किया जाएगा।

  • Q14 
    गैर-ऋणी किसानों से प्रस्ताव और प्रीमियम की संग्रह प्रक्रिया क्या है?

    गैर-ऋणी किसान नामांकन के लिए किसी भी बैंक, सी.एस.सी. या पी.एम.एफ.बी.वाई. की वेबसाइट से संपर्क कर सकते हैं।

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